ज़िंदगी को तूफ़ान है इस तरह से घेरे
किनारे तो दीखते हैं पर घेहरे हैं अँधेरे
लेके एक सहारा चल पड़े थे लेकिन
बीच भंवर वो छोड़कर चले हैं
टूटा है विश्वास अब ना करेंगे किसी पर
लेके यह ग़म हम दुनिया से चले हैं
जानते हैं किश्तियों को मिलते नहीं किनारे
एक हम ही नहीं भंवर में और भी पड़े हैं
किसको दें आवाज़ जब शब्द ही ना रहे
इंतज़ार है उस घडी का जब साँस ही न रहे
बीच भंवर वो छोड़कर चले हैं
टूटा है विश्वास अब ना करेंगे किसी पर
लेके यह ग़म हम दुनिया से चले हैं
जानते हैं किश्तियों को मिलते नहीं किनारे
एक हम ही नहीं भंवर में और भी पड़े हैं
किसको दें आवाज़ जब शब्द ही ना रहे
इंतज़ार है उस घडी का जब साँस ही न रहे