Tuesday, March 10, 2009

वो तो प्रेम दीवानी हो ली.

सतरंगा ये इन्द्रधनुष
आज उतर पृथ्वी पर आया
अपने हाथ बढा कर ले लो
रंग प्यार के सारे लाया

रंग-अबीर की बौछारों से
भीग गयीं ब्रिज की गोरी .
आज श्याम की पिचकारी से
कोई बचेगी ना छोरी

हरे, गुलाबी नीले रंग से,
छाई है हर और उमंग
राधा की आँखे बतलाएं ,
दिल में उठने लगी तरंग

दूर खडी है विरहन मीरा
लिए हाथ में इकतारा
बनकर जोगन सारा जीवन
कृष्ण कन्हैया पर वारा

कृष्ण भक्ति में मीरा ने फ़िर
पहनी केशरिया चोली
गीत प्रीतके गा-गाकर के
वो तो प्रेम दीवानी हो ली

8 comments:

विजय तिवारी " किसलय " said...

नीरा जी
अभिवन्दन

" वो तो प्रेम दीवानी हो ली " रचना में जहाँ
बासंती रंग की बरसात है, वहीं मीरा के समर्पण,
ब्रिज की होली और राधा के प्रेम की भी छाप दिखाई पड़ी.
सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए हमारी बधाई स्वीकार कीजिये.

- विजय

निर्झर'नीर said...

दूर खडी है विरहन मीरा
लिए हाथ में इकतारा
बनकर जोगन सारा जीवन
कृष्ण कन्हैया पर वारा

ye mukhdaa bahot sundar hai..

BrijmohanShrivastava said...

वास्तव ने होली गीत हो या प्रेम गीत यदि मीरा ,राधा का जिक्र नहीं तो वह प्रेमगीत हो ही नहीं सकता ,प्रेम में आवश्यक है एक त्याग की ,एक समर्पण की ,एक पवित्रता की /आपने रचना में मीरा ,ब्रिज ,श्याम ,राधा ,जोगन,विरहन जैसे शब्दों का प्रयोग करके रचना को सुंदर बना दिया है

Mai Aur Mera Saya said...

jabardast.. bahut achha likha hai apne

"Nira" said...

नीरा जी
अभिवन्दन

" वो तो प्रेम दीवानी हो ली " रचना में जहाँ
बासंती रंग की बरसात है, वहीं मीरा के समर्पण,
ब्रिज की होली और राधा के प्रेम की भी छाप दिखाई पड़ी.
सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए हमारी बधाई स्वीकार कीजिये.

- विजय

vijay ji
aapka dilse shukriya adaa karti hoon, aapne sadaa saath diya hai muje.
nira

नीरा said...

दूर खडी है विरहन मीरा
लिए हाथ में इकतारा
बनकर जोगन सारा जीवन
कृष्ण कन्हैया पर वारा

ye mukhdaa bahot sundar hai..

aapka bahut bahut shukriya

नीरा said...

वास्तव ने होली गीत हो या प्रेम गीत यदि मीरा ,राधा का जिक्र नहीं तो वह प्रेमगीत हो ही नहीं सकता ,प्रेम में आवश्यक है एक त्याग की ,एक समर्पण की ,एक पवित्रता की /आपने रचना में मीरा ,ब्रिज ,श्याम ,राधा ,जोगन,विरहन जैसे शब्दों का प्रयोग करके रचना को सुंदर बना दिया है

brijmohan ji
aap yahan aaye, rachna ko padha saraha, aapki bahut abhari hoon.
yumhi aate rahiyega.
nira

नीरा said...

jabardast.. bahut achha likha hai apne

mere saaya ji
aapka nahut bahut shukriya