Tuesday, January 6, 2009

मगर .

तेरी मेरी कहानी
Alag hai-----

तुम पाना चाहती हो
प्यार को
मेरी वो पूजा है
तेरी आँखों में
चाँद बनके वो ठहरा है
मुझे दूर से ही चाँद को
देखना है .

तुमने पहननी
वरमाला है
मुझे फूल भक्तिके है देने
रिश्ते का एक नाम
है तुम्हारा
मेरे लिए एक हर्फ़ भी नही

तुम्हे इंतज़ार
मिलन का है ----
मिल जाए
इसी जनम में .
मुझे मरकर
पार जाना है -------
कुछ हसरतों
को जगाना है .
दोबारा दुनिया
में आना है
मुझको भी पाना है
तुमको भी पाना है
मगर ..??

1 comment:

Udan Tashtari said...

स्वागत है आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में. नियमित लिखें, शुभकामनाऐं.